लोकेशन:वाडज, अहमदाबाद अहमदाबाद के वाडज इलाक़े में कुछ गुंडों ने 27 वर्षीय ऑटो रिक्षा ड्राइवर नवाब सुल्तान की ऑटो रिक्षा में पीछे बैठे हुवे पैसेंजर पर होली का रंग छिड़ककर उससे नोक-झोंक की, नवाब ने कहा भाई प्लीज़ मेरे ऑटो रिक्शा को नुक़सान ना पहुंचाओ। बस फिर क्या था, भीड़ ने नवाब को ऑटो रिक्षा से बाहर निकाला पूछा तू तो “कटुआ” है? नवाब ने कहा मेरा रोज़ा है मुझे मत पीटिये, मुसलमान होने की बात सुनते ही नवाब को पीटने के लिए आस-पास के कुछ और लोग भी आ गए। नवाब अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से दूर भागने लगा और उसकी आँखों के सामने ही उस ग़रीब की ऑटो रिक्षा को भी आग के हवाले कर दिया गया। नवाब की क़ानूनी मदद के लिए SDPI की टीम पुलिस स्टेशन पहुँची है।पुलिस को त्वरित स्वतः संज्ञान लेते हुवे मामला दर्ज कर कुसूरवारों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए और उस ग़रीब को हुवे नुक़सान की फ़ौरन भरपाई की जानी चाहिये।ख़बर है कि पुलिस और कुछ हिंदू संगठन इस कोशिश में लगे हैं कि FIR ना हो और मामले को रफ़ा दफ़ा कर दिया जाए!मुसलमान अगर शांति से 5 मिनट नमाज़ भी पढ़ले तो गुंडा बनकर कुछ लोग नमाज़ बंद करवाने पहुँच जाते हैं और पुलिस का रोल भी ऐसे मामलों में शंकास्पद रहता है।अब सड़क पर आते-जाते लोगों पर ज़बरदस्ती रंग छिड़कना और सड़क पर आती-जाती महिलाओं का उत्पीड़न करना वह भी हिंदू त्यौहार के नाम पर? भारतीय संस्कृति के लिए इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है?